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हिम्मत ना हारो तुम, एक प्रोत्साहन कविता जो देती है उम्मीद की किरण

Kotatimes

Updated 4 years ago

छात्रों / बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए, उन्हें आगामी कठिन दिनों के लिए प्रेरित करने के लिए ये कविता योग शिक्षक श्रीमती मेघना शर्मा ने लिखी है।
 
हिम्मत ना हारो तुम !!
 
फूल बिछे हो या कांटे हो, 
राह न अपनी छोड़ो तुम l
जब तक जान बनी हो तन में, 
तब तक आगे बढ़े चलो तुम l
चाहे जो कठिनाइयां आए, 
मुस्कुराना ना छोड़ो तुम l
साथ रहे या ना रहे किसी का, 
हिम्मत मगर ना छोड़ो तुम l
करो मजबूत खुद को इतना की , 
कांटे भी फूल बनकर बरसेl
करो हौसलें को बुलंद इतना की , 
आंसू भी मोती बनकर झलके l
ईश्वर पर रखो भरोसा इतना की, 
प्रेम भी अमृत बनकर बरसे l
फूल बिछे हो या कांटे हो, 
राह ना अपनी छोड़ो तुम l
 
 
 
 
 
 
 
मेघना शर्मा
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