...

क्यों 9 अगस्त भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण है: भारत छोड़ो आंदोलन

Kotatimes

Updated 4 years ago

भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) 

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का आखिरी सबसे बड़ा आंदोलन था, जिसमें सभी भारतवासियों ने एक साथ बड़े स्तर पर भाग लिया था। देश में कई जगह समानांतर सरकारें भी बनाई गईं, स्वतंत्रता सेनानी भूमिगत होकर लड़े।

द्वितीय-विश्वयुद्ध (SECOND WORLD WAR) के समय इस आन्दोलन की शुरुवात हुई थी। औपनिवेशिक देशों के नागरिक स्वतंत्रता के प्रति जागरूक हो रहे थे और कई देशों में साम्राज्‍यवाद एवं उपनिवेशवाद के खिलाफ आंदोलन तेज़ होते जा रहे थे।

धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुचाने वाली वीडियो वायरल करने वाला अभियुक्त गिरफ्तार

आंदोलन के बारे में

14 जुलाई, 1942 को वर्धा में congress की कार्यकारिणी समिति ने ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) का प्रस्ताव पारित किया एवं इसकी सार्वजनिक घोषणा से पहले 1 अगस्त को इलाहाबाद (Prayagraj) में तिलक दिवस मनाया गया।

 8 अगस्त 1942 को ALL INDIA CONGRESS की बैठक बंबई (MUMBAI) के ग्वालिया टैंक मैदान में हुई और ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement)  के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिली। 

भारत छोड़ो आंदोलन को ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है।

इस आंदोलन का लक्ष्य भारत से ब्रिटिश साम्राज्‍य को समाप्त करना था। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान काकोरी कांड के ठीक 17 साल बाद 9 AUGUST 1942 को गांधीजी के आह्वान पर पूरे देश में एक साथ आरंभ हुआ।

 

 

 ‘भारत छोडो’ आन्दोलन नारा युसुफ मेहर अली  ने दिया था-

आंदोलन की पृष्ठभूमि

दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत हो चुकी थी और इसमें मित्र राष्ट्र हारने लगे थे। मित्र देश, अमेरिका, रूस व चीन ब्रिटेन पर लगातार दबाव डाल रहे थे कि वह भारतीयों का समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करे। अपने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये उन्होंने स्टेफ़ोर्ड क्रिप्स को मार्च 1942 में भारत भेजा। भारतीयों की मांग पूर्ण स्वराज थी, जबकि ब्रिटिश सरकार भारत को पूर्ण स्वराज नहीं देना चाहती थी। वह भारत की सुरक्षा अपने हाथों में ही रखना चाहती थी और साथ ही गवर्नरजनरल के वीटो के अधिकार को भी बनाए रखने के पक्ष में थी। भारतीय प्रतिनिधियों ने क्रिप्स मिशन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

क्रिप्स मिशन की असफलता के बाद 'भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस समिति' (ALL INDIA CONGRESS) की बैठक 8 अगस्त, 1942 को बंबई में हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया कि भारत अपनी सुरक्षा स्वयं करेगा और साम्राज्यवाद तथा फासीवाद का विरोध करता रहेगा।

इसके पश्चात् काॅन्ग्रेस भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव लाई जिसमें कहा गया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत अपने सभी संसाधनों के साथ फासीवादी और साम्राज्यवादी ताकतों के विरुद्ध लड़ रहे देशों की ओर से युद्ध में शामिल हो जाएगा। इस प्रस्ताव में देश की स्वतंत्रता के लिये अहिंसा पर आधारित जन आंदोलन की शुरुआत को अनुमोदन प्रदान किया गया।

कोटा की खबरे जानने के लिए जॉइन करे  Whats app Group: CLICK HERE.
भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित होने के बाद ग्वालिया टैंक मैदान में गांधीजी जी ने कहा कि,

“ एक छोटा सा मंत्र है जो मैं आपको देता हूँ। इसे आप अपने ह्रदय में अंकित कर लें और अपनी हर सांस में उसे अभिव्यक्त करें। यह मंत्र है-“करो या मरो”। अपने इस प्रयास में हम या तो स्वतंत्रता प्राप्त करेंगे या फिर जान दे देंगे।”

इस तरह भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’ एवं ‘करो या मरो’ भारतीयों का नारा बन गया।


 
 
अंग्रेजो भारत छोड़ो की वर्षगाँठ पर स्वतंत्रता सेनानियो और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का किया सम्मान
 
कोटा। अंग्रेजो भारत छोड़ो की वर्ष गांठ एतिहासिक दिवस पर रविवार को कोरोना महामारी एवं लोकडाउन को देखते हुए शहर अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी की अगुवाई में कांग्रेसियो ने स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी  कमला स्वाधीन के निवास नयापुरा स्थित सिविल लाइन एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेश विजयवर्गीय छावनी निवास पर जाकर श्रीफल,सूत की माला शोल उड़ाकर सम्मान किया तथा स्वतंत्रता सेनानी आनंद लक्षमण खांडेकर दादावाड़ी निवास पर ना होने की वजह से उनकी शाल,श्रीफल,सूत की माला रावतभाटा निवास पर भिजवाई गयी।
इस मौके पर शहर अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी ने अपने संदेश में शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज ही के दिन 9 अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मागांधी जी ने एक दिन पूर्व 8 अगस्त को बॉम्बे में कांग्रेस समिति की मीटिंग में अहम फैसला कर देश को आजादी दिलाने के लिए 9 अगस्त को अंग्रेजो भारत छोड़ो,करो या मरो का नारा देकर आंदोलन का विगुल बजाया था इस आंदोलन में अनेक स्वतंत्रता सेनानियो की जाने गयी तथा हजारो स्वतंत्रता सेनानियो को अंग्रेजो ने जेलो में डाल दिया था लेकिन देश में जगह-जगह आंदोलन ने विराट रूप ले लिया था। आखि़रकार अंग्रेजो को भारत से भागना ही पड़ा। गांधी जी ने सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलायी ।
। इस मौके पर अनिल अरोड़ा,आजाद हुसैन,गुरमीत सिंह टाक आदि कांग्रेसजन मौजूद थे।

 
यूथ कांग्रेस के स्थापना दिवस पर छाया रहा बेरोजगारी का मुद्दा, कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर रही वर्तमान सरकार  
कोटा।युथ काँग्रेस के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में युथ कांग्रेस द्वारा बेरोजगारी पर देश व्यापी सोशल मीडिया पर कैम्पेन चलाया जिसमे देश के बेरोजगार युवा की बात रखी गई । कोटा शहर जिलाध्यक्ष श्याम सिंह जादौन ने बताया कि कोटा शहर में लॉक डाउन के चलते जिला मुख्यालय पर झंडारोहण नही किया गया। लेकिन सोश्यल मीडिया पर युथ कांग्रेस के कार्यकर्तों ओर बेरोजगार युवाओं,कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के वीडियो बना कर शयेर किये गए  जिसमे कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष रविन्द्र त्यागी,प्रदेश कांग्रेस कमिटी सदस्य डॉक्टर ज़फर मोहम्मद, प्रदेश कांग्रेस कमिटी सचिव शिवकांत नंदवाना ने भी बेरोज़गार युवाओ की पीड़ा समझते हुवे वीडियो शेयर किए।
रविंद्र त्यागी ने कहा कि देश मे बेरोज़गारी एक बहुत बड़ी समस्या है मोदी सरकार ने जो देश के नोजवानो को रोजगार देने वादा किया था वो पूरा नही किया और उनकी कोरोना महामारी की गलत नीतियों के कारण कई लोग अपना रोज़गार खो चुके है देश के प्रधानमंत्री को चाहिए कि वो इस ओर ध्यान देकर किसी योजना के तहत बेरोजगार लोगो रोज़गार देने का काम करे।
डॉक्टर ज़फर मोहम्मद ने कहा कि आज हमारा देश मे लगभग 30 करोड़ युवाओ का देश है और कोई भी सरकार हो उसका मुख्य ध्यान देश के युवाओं को रोजगार देने पर होना चाहिए जब देश के युवाओं के पास रोजगार होगा तो वो समृद्ध होगा तथा देश के विकास में भागीदार बने बेरोजगार युव दिशा हीन होकर आपराधिक परवर्ती की ओर भी बढ़ सकता है।
शिवकांत नंदवाना ने कहा कि देश मे जब मोदी सरकार आयी थी तो उन्होंने वादा किया था कि हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार दिए जाएंगे लेकिन इसके विपरीत उनके द्वारा सार्वजनिक उपक्रमो का निजीकरण किया जा रहा है और कई सरकारी पदों को खत्म किया जा रहा है जो गलत है इससे देश के युवाओं में हताशा का माहौल है।
श्याम सिंह जादौन ने भी सोश्यल मीडिया पर रोज़गार की मांग उठाते हुवे कहा कि जब से देश मे भाजपा की सरकार आयी है लगभग 13करोड़ लोग भाजपा की गलत नीतियों के कारण अपना रोज़गार गवा चुके है चाहे नोटबन्दी हो जी.एस. टी हो या कोरोना महामारी का गलत प्रबंधन हो सब से देश के लोगो को हानि हुई है आज वर्तमान समय मे 30 करोड़ युवा बवरोज़गार है ।  

Read More:

मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर सुशील मिले कोरोना पॉजिटिव

दांयी मुख्य नहर में मिला युवक का शव, गोताखोर रेस्क्यू टीम ने निकाला बाहर

16 वर्षीय किशोरी ने अज्ञात विषाक्त का सेवन कर किया सुसाइड

श्रीअनन्त चतुर्दशी महोत्सव शोभायात्रा की तैयारीयों पर बैठक सम्पन्न

शनिवार को 125 नए कोरोना पॉजिटिव आए

डिलीट कांड: चीनी घुसपैठ के दस्तावेज रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से डिलीट करने पर युवा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

युवाओं के लिए सेना में भर्ती के कई अवसर, महिला सेना पुलिस के लिए ऑनलाइन आवेदन 31 अगस्त तक

 
 

0 Comments

Leave a Comment

Post Comment