लड़की भगाने का विवाद सुझलाने आए थे, साथ में शराब पी, खाना खाया; फिर विवाद गहराया और धारदार हथियारों से 3 को मार डाला

Kotatimes

Updated 3 years ago

लड़की भगाने का विवाद सुझलाने आए थे, साथ में शराब पी, खाना खाया; फिर विवाद गहराया और धारदार हथियारों से 3 को मार डाला

मौके पर छानबीन करती डॉग स्क्वायड -

सुरेश कुमार ईटावा! जिले के खातौली थाना क्षेत्र के बालुपा गांव में शनिवार देर शाम 3 लोगों की हत्या का मामला उजागर हुआ है। बताया जाता है कि लड़की भगाने (नाता विवाद) के मामले को लेकर विवाद हुआ और दूसरे पक्ष ने कुल्हाड़ी व अन्य हथियारों ने हमला बोल दिया। खास बात यह है कि जिनकी हत्या हुई है, वह लड़के पक्ष के पास विवाद सुलझाने आए थे। दोनों पक्षों ने पहले साथ बैठकर शराब पी और खाना खाया। फिर अचानक विवाद गहराया और लड़के पक्ष के लोगों के सिर पर खून सवार हो गया। देर रात पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने शव को इटावा अस्पताल में रखवाया है। सुबह परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ, जबकि डॉग स्क्वॉयड की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए।

परिजनों की मौजूदगी में हुआ पोस्टमार्टम, शनिवार को आए थे गांव

पुलिस के मुताबिक, खातौली थाना क्षेत्र के बालुपा गांव निवासी बालू होली के आसपास बूंदी जिले से मोग्या जाति के बूंदी जिले के दबलाना कस्बा निवासी श्योजीलाल (50) की लड़की को भगाकर लाया था। पता चलने पर श्योजीलाल, देहीखेडा थाना क्षेत्र निवासी मुकेश व गोपाल बातचीत करने शनिवार सुबह ही बालुपा आये थे। दोनों पक्षों में बातचीत चल रही थी। सभी ने पहले शराब पी, फिर साथ बैठकर खाना खाया। इसके बाद अचानक विवाद गहरा गया। मौके पर मौजूद हंसराज व उसके साथियों ने कुल्हाड़ी व धारदार हथियारों से हमला कर दिया। श्योजीलाल, मुकेश व गोपाल ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि मौके पर अचेतावस्था में एक महिला मिली है।

जंगल मे 5-6 घंटे पड़े रहे शव

घटना गांव से दूर सुनसान जंगल में हुई। खातौली पुलिस को किसी ने खेतो में घायल लोगों के पड़े होने की जानकारी दी थी। इसके बाद शनिवार रात पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। एक शव चारपाई पर पड़ा था, जबकि दो शव जमीन पर थे। आसपास खून बिखरा हुआ था, जो पूरी तरह से सुख चुका था। पुलिस प्रारंभिक जांच में मान रही है कि वारदात देर शाम की है। जंगली इलाका होने के कारण 5-6 घंटे के बाद जानकारी मिली।

श्योजीलाल, मुकेश व गोपाल का शव।

आरोपी फरार

वारदात के बाद से ही हंसराज व उसके साथी फरार हैं। मोग्या जाति के ज्यादातर लोग खेतों में रखवाली का काम करते है। ये खानाबदोश एक जगह अपना निवास नहीं बनाते। इस जाति में 'नाता प्रथा' का काफी चलन है। पैसा लेकर नाता विवाद को सुलझाया जाता है। ये जंगल मे कहीं भी सो जाते हैं। ऐसी स्थिति में हत्या की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं है। इनका स्थायी पता भी नहीं होता।

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