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कोटा की पढ़ाई और सफलता का राज जानने  एलन पहुंचे रेलवे बिलासपुर जोन के महाप्रबंधक गौतम बनर्जी

Kotatimes

Updated 3 years ago

KOTATIMES Januaray 16, 2021।  इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के क्षेत्र में कोटा पूरे देश में विख्यात है। इस सफलता के पीछे क्या कारण है, कैसे यहां पढ़ाई होती है। यह जानने के लिए हर किसी में उत्सुकता रहती है। कुछ ऐसी ही उत्सुकता बिलासपुर जोन के महाप्रबंधक गौतम बनर्जी के मन में भी है, जिससे शांत करने के लिए वे शनिवार को कोटा में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट पहुंचे।

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कोटा यात्रा पर आए गौतम बनर्जी एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के इन्द्रविहार स्थित संकल्प कैंपस पहुंचे और कोचिंग व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। संकल्प कैम्पस में पहुंचने पर निदेशक नवीन माहेश्वरी द्वारा उनका पुष्पाहार भेंटकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर उनके साथ सेक्रेटरी हिमांशु जैन, डीआरएम कोटा पंकज शर्मा, एडीआरएम सुधीर सरवरिया व सीनियर डीसीएम कोटा अजयकुमार पाल भी साथ थे। बनर्जी का मीटिंग हाल में साफा पहनाकर व उपर्णा भेंट कर अभिनन्दन किया गया। इस दौरान बनर्जी ने कोटा कोचिंग के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोटा का नाम देशभर में इंजीनियरिंग व मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के लिए बहुत विख्यात है और देश का हर स्टूडेंट यहां आना चाहता है। कोचिंग हर जगह होती है लेकिन स्टूडेंट कोटा ही आना चाहता है। यहां की टीचिंग और स्टूडेंट्स की केयरिंग के बारे में बहुत सुना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोटा कॅरियर बनाता है। मैं चाहता हूं कि देश के हर क्षेत्र में ऐसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले कोचिंग संस्थान हो ताकि विद्यार्थियों की प्रतिभा का सम्मान हो सके। हर विद्यार्थी तक शिक्षा पहुंच सके।
इस अवसर पर नवीन माहेश्वरी ने बताया कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा लॉकडाउन के दौरान भी स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित नहीं होने दी। लगातार उन्हें ऑनलाइन व रिकॉर्डेड लेक्चर्स के जरिए पढ़ाना जारी रखा। यही नहीं 50 हजार से अधिक स्टूडेंट्स को कोटा से सुरक्षित व स्वस्थ अपने घरों को भेजा। रेलवे का बहुत सहयोग रहा कि लॉकडाउन में पहली बार ट्रेन कोटा से स्टूडेंट्स को घर पहुंचाने के लिए चलाई गई। यहां से झारखंड और बिहार के लिए हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स को सकुशल भेजा गया। माहेश्वरी ने कहा कि एलन शिक्षा की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करता है। यहां शिक्षकों को तैयार करने के लिए दो वर्ष तक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद भी विभिन्न स्तरों पर तैयारी के बाद क्लासेज में भेजा जाता है। महाप्रबंधक बनर्जी ने इसे बहुत साराहा और कोटा को अद्वितीय बताया।

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