फेसबुक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अशोक चंदवेनी ने महसूस किया कि फेसबुक प्लेटफार्म नफरत का एक अड्डा बन गया है। मंगलवार की सुबह (सितंबर 8, 2020), को यह कदम उठाना उनके लिए बहुत जरुरी था।
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चंदवेनी ने फेसबुक के इंटरनल प्लेटफार्म (Facebook’s internal employee network) पर सुबह 8 बजे के बाद पोस्ट किए गए एक पत्र में लिखा है, '' मैं इसलिए छोड़ रहा हूं क्योंकि मैं अब अमेरिका और वैश्विक स्तर पर नफरत फैलाने वाले आर्गेनाइजेशन में योगदान नहीं कर सकता।
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मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने अक्सर कहा, उनका यह दुनिया को एक साथ जोड़ने का उदार मिशन हैं। लेकिन वही दूसरी ओर नफरत और जातिवादी भाषण पर फेसबुक की नीतियों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों की हताशा में वृद्धि हुई है
उन्हें समय के साथ एहसास हुआ कि कंपनी का नेतृत्व सामाजिक अच्छाई को बढ़ावा देने से ज्यादा कंपनी होने वाले मुनाफे पर ज्यादा केन्द्रित थी।
चंदवेनी ने कहा कि कंपनी ने नस्लवाद, विघटन और हिंसा उकसाने के प्लेटफार्म पर लड़ाई का सामना करने के लिए बहुत कम काम किया है।
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फेसबुक एक मिलिशिया समूह की घटना को हटाने में विफल रहा, जिसकी सैकड़ों शिकायते की गयी इसके बावजूद पिछले महीने से बंदूकों को लाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहा था। ----फेसबुक के मार्क जकरबर्ग ने उसे एक "ऑपरेशनल गलती" कहा।
चंदवेनी ने कंपनी की उस नीति की भी आलोचना की, जो राजनेताओं के तथ्य-जांच किए बिना विज्ञापनों में झूठे दावे करने की अनुमति देती है।
"चुनाव विज्ञापनों में झूठ बोलना बहुत हानिकारक है, विशेष रूप से वर्तमान राजनीतिक क्षण में हम हैं।"
फेसबुक कंपनी ने दी सफाई
फेसबुक की प्रवक्ता लिज बुर्जुआ ने इस इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दी की कंपनी नफरत से मुनाफा नहीं कमाती हैं। कंपनी ने फैक्ट चेक प्रोग्राम को प्रमोट किया है और नफरत फैलाने वाले संगठनों से जुड़े लाखों पोस्ट हटाए।
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SOURCE: NEWS indIA
CREDIT TO : NEWS INDIA
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