...

 ‘बुलाती है मगर जाने का नहीं’ लिखने वाले शायर राहत इंदौरी ने दुनिया को कहा अलविदा

Kotatimes

Updated 4 years ago

KOTATIMES AUGUST 11, 2020। मशहूर शायर राहत इंदौरी (Rahat Indori) की 11 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने  से मौत हो गई। वह कोरोनावायरस (Covid-19) से भी संक्रमित हो चुके थे, इसी कारण से उन्हें इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

कोटा की खबरे जानने के लिए जॉइन करे  Whats app Group: CLICK HERE.

मशहूर शायर राहत इंदौरी 70 साल के थे और शायरी के माध्यम से कई बार बागी तेवर दिखाने से चूकते नहीं  थे। इस बात को खुद प्रमाणित राहत इंदौरी ने एक ट्वीट से किया था ।

राहत इंदौरी ने आज सुबह ट्वीट किया था, कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं। दुआ कीजिए जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं। एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फोन न करें, मेरी खैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी। संक्रमण के बाद राहत इंदौरी को डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती किया गया है।

डॉक्टरों के अनुसार राहत इंदौरी के शरीर के दोनों फेफड़ों में निमोनिया हो गया था इस कारण से उन्हें  सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसकी वजह से उन्हें ICU में रखा गया था।  राहत इंदौरी के बेटे और युवा शायर सतलज राहत ने बताया, कोविड-19 के प्रकोप के कारण मेरे पिता पिछले साढ़े 4 महीने से घर में ही थे। वह केवल अपनी नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए घर से बाहर निकल रहे थे। उन्होंने बताया कि इंदौरी को पिछले पांच दिन से बेचैनी महसूस हो रही थी और डॉक्टरों की सलाह पर जब उनके फेफड़ों का एक्स-रे कराया गया, तो इनमें निमोनिया की पुष्टि हुई। बाद में जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

मगर हद से गुज़र जाने का नईं

बुलाती है मगर जाने का नईं

वो दुनिया है उधर जाने का नईं

ज़मीं रखना पड़े सर पर तो रक्खो

चलो हो तो ठहर जाने का नईं

है दुनिया छोड़ना मंज़ूर लेकिन

वतन को छोड़ कर जाने का नईं

जनाज़े ही जनाज़े हैं सड़क पर

अभी माहौल मर जाने का नईं

मिरे बेटे किसी से इश्क़ कर

मगर हद से गुज़र जाने का नईं।

 

आंगनबाड़ी महिला कर्मचारियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

 

Leave a Comment

Post Comment