KOTATIMES SEPTEMBER 09, 2020। मनोरोग चिकित्सक डॉ. एमएल अग्रवाल ने बताया कि आत्महत्या एक रोग है और इसकी रोकथाम संभव हैं, संवाद एवम् सम्पर्क इसके मुख्य रक्षक हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रायः यह देखा गया है कि आत्महत्या करने वाला सहायता की गुहार करता है। नजदीकी लोगों को इस सहायता की पुकार को सुनना है और उसकी सहायता करनी हैं। अधिकतर लोग नींद, भूख नहीं लगना, बात चीत नहीं करना, मरने-मारने की बात करना, अपनी प्रिय वस्तु बाटना, लोगों से माफी मांगना, हिसाब-किताब साफ करने की बात करते हैं। समय से चिन्हों को पहचान, हम लोगों की जान बचा सकते हैं।
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उन्होंने बताया कि हमारे परिवार एवं संस्कारों के कारण भारत में यह दर पश्चिमी देशों की अपेक्षा कम है। हर कोई सहायता कर सकता हैं। डॉक्टर/ स्वास्थ्यकर्मी होना आवश्यक नहीं हैं। यदि आपको कुछ ठीक नहीं लग रहा, तो बात करें और सीधा पूछे की वो अपने को नुकसान पहुंचाना तो नहीं चाह रहे है या आत्महत्या के बारे में सोच तो नहीं रहे है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में आत्महत्या दर में विश्व भर में 3-4 प्रतिशत की वृद्धिदेखी गई है। आज हमारे देश में प्रति 4 मिनट में 1 मृत्यु आत्महत्या से हो रही है। भारत में 1.39 लाख लोग आत्महत्या के कारण मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं। एक आत्महत्या पर 20 असफल प्रयास और करीब 130 अन्य लोग (परिवार, समाज, स्कूल) प्रभावित होते हैं। यह दर सबसे ज्यादा (18-45 वर्ष) के बीच देखी गई हैं। पारिवारिक समस्याए, मानसिक रोग (अवसाद) चिंता विकार, आर्थिक समस्या, प्रेम संबंध एवं परीक्षा अन्य कारण हैं। फंदा लगा कर मरना (53.6) सबसे मुख्य तरीका हैं साथ ही साथ विषेले पदार्थ का सेवन (विशेषकर किसानों) में धारदार हथियार, दवाईयां एवं ऊचाई से कुदना अन्य तरीके है। कोरोना काल में आर्थिक समस्याए, अकेलापन, सामाजिक बहिष्कार मुख्यतः जिम्मेदार हैं।
सम्पर्क बनाये रखे-अकेला न छोड़े
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सहयोग की पेशकश करे, उनको डॉक्टर को दिखाये, नियमित उपचार लेने के लिए प्रेरित करे। संस्कार द्वारा उनका जीवन अमूल्य है और इश्वरी देन है कि जानकारी दे उनको नियमित व्यायाम प्राणायाम ध्यान और वर्तमान में जीने की कला सिखाने के लिए प्रेरित करें। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितम्बर का नारा है आइये हम सब मिलकर आत्महत्या को रोके।
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उन्होंने बताया कि होप हेल्प लाइन विगत 5 वर्षों से कोटा एवं आस पास के क्षेत्रों के लिए 247 सेवा प्रदान कर रही है। अब तक 8,000 लोग लाभान्वित हुए है। अनेकों विद्यार्थियों का जीवन बचाया गया है। प्रशिक्षित काउन्सिलरों की सेवा निःशुल्क उपलब्ध है। यह सेवा कोरोना काल में भी नियमित रूप से रही है जिसके फोन नम्बर 0744-23333666 है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विश्व में प्रति 40 सेकेण्ड में एक मृत्यु आत्महत्या से होती है, प्रतिवर्ष 8 लाख। ज्यादा दर लिथुनिया, दक्षिण कोरिया, रूस, चीन इत्यादि में देखी गई हैं। हमारे देश में सिक्किम, छत्तीसगढ़, तेलंगाना तमिलनाडू, कर्नाटक इत्यादि में ये अधिक है। (17-35 प्रति लाख) राजस्थान की दर 4.8 प्रति लाख है। (इस वर्ष यह 5.8 प्रति लाख हो गई है)। आइये संवाद संपर्क सहयोग एवं संस्कार से जीरो सुसाइड की ओर बढ़े।
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