...

आजीविका का साधन नावें जब्त करना नहीं रोका तो हजारों गरीब जल समाधि ले लेंगे – राजावत

Kotatimes

Updated 3 years ago

KOTATIMES December 23, 2020।पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने  जयपुर में प्रधान मुख्य वन संरक्षक मोहनलाल मीणा से मिलकर कोटा की ज्वलन्त समस्या पर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वन विभाग और पुलिस ने इन दिनों कोटा के चम्बल किनारे बसे गांव, घघटाना, नोटाना, देवली मच्छियान, मानसगांव, मण्डावरा, कोटसुआं, बालापुरा, निमोदा, छीपड़दा सहित अनेकों गांवों में जेसीबी मशीनों से गरीबों की नावें तोड़ने और नावें जब्त करने का अभियान शुरू कर रखा है, विभाग की इस अन्याय और ज्यादती के खिलाफ लोगों में आक्रोश भड़क उठा है।

private hospital for covid treatment in KOTA

प्रेस विज्ञप्ति मेल करे- editorkotatimes@gmail.com

कोटा की खबरे जानने के लिए जॉइन करे Group Whats app Group: CLICK HERE

 
उन्होंने मुख्य वन संरक्षक को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर विभाग इस कार्रवाई पर रोक नहीं लगाएगा तो पीढ़ियों से पानी में डूबकर रेत निकालने और लोगों को एक किनारे से दूसरे किनारे तक पहुंचाने वाले ये गरीब चम्बल में डूबकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो जायेंगे। पूर्व संसदीय सचिव राजावत ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को कहा कि चम्बल पर कोटा बैराज से लेकर केशवरायपाटन के आस-पास के गांव तक कोई घड़ियाल अभ्यारण्य नहीं है फिर भी प्रशासन न तो गरीबों को रेत निकालने दे रहा, न ही नावें चलाने दे रहा जबकि चम्बल किनारे बसने वाले इन गांवों के कीर, केवट, कहार समाज की आजीविका का साधन पीढ़ियों से चम्बल का किनारा ही है।
सर्वोच्च न्यायालय ने बजरी खनन पर जो रोक लगाई है वह तो बनास व अन्य नदियों से जेसीबी व अन्य बड़ी मशीनों से खनन कर डम्परों से करोड़ों रूपये की रेत निकालने वालों पर है। उन खनन माफियाओं और इन गरीबों में रात दिन का अंतर है, वन विभाग और पुलिस ने डरा धमकाकर इन गरीबों को लूटना, खसोटना शुरू कर रखा है जिससे इन लोगों के सामने रोजी रोटी का गम्भीर संकट खड़ा हो गया है। पूर्व में भी वन विभाग द्वारा गैर कानूनी रूप से तानाशाही रवैया अपनाते हुए उनकी आजीविका का सहारा नाव को जेसीबी से तोड़कर पानी में डुबोने का अभियान चलाया था, उसको उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह कर रूकवाया, अब ये हिटलरशाही अभियान पुनः प्रशासन शुरू करना चाहता है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक मीणा ने राजावत को स्पष्ट कहा कि कोटा बैराज से लेकर केशवरायपाटन के आस पास के गांव तक कोई घडियाल अभ्यारण्य नहीं है, अगर फिर भी विभाग के कोई अधिकारी पुलिस की मदद लेकर अभियान चलाते हैं तो वह कानूनन अपराध है और वे ऐसे गैर कानूनी अभियान के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे। राजावत के साथ प्रधान मुख्य वन संरक्षक से मिलने वालों में पर्यावरण प्रेमी बृजेश विजय, किसान मोर्चा के जिला महामंत्री हुसैन देशवाली, महावीर सुमन आदि प्रमुख थे।