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कोटा में फ्लाईओवर स्लैब गिरने की घटना में एक मजदूर की हुई मौत-अधिकारी अनुभवहीन और निर्माण कार्य घटिया है

Kotatimes

Updated 3 years ago

KOTATIMES December 10, 2020। झालावाड़ रोड पर बुधवार रात को सिटी मॉल के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर का स्लैब गिरने से 12 मजदूर  घायल हो गए थे। जिनमें से एक मजदूर रमेश की इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गई है। रमेश के सिर में चोट आई थी। मृतक के शव का पोस्टमार्टम एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में करवाया गया है। ज्ञात रहे कि फ्लाईओवर का कार्य करने के दौरान पाइप में फंसने और दबने के कारण 12 मजदूर घायल हो गए थे। जिनको इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जिनमें से रमेश की गुरुवार को मौत हो गई है। मृतक रमेश झालावाड़ के अकलेरा तहसील के मोईपुर गांव का रहने वाला था।
वहीं हादसे के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की शहर की सूरत बदलने की योजना की सराहना तो की है, लेकिन इसके लिए जिस तरह अण्टाघर से अनन्तपुरा तक पूरे शहर को गड्ढ़ों में तब्दील कर दिया गया उससे लाखों लोगों के सामने आवागमन की मुसीबत खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई आबादी के अनुपात में निर्माण कार्य आवश्यक था लेकिन उसे धीरे धीरे 2-3 चरणों में शुरू किया जाना चाहिए था, जिससे लोगों को भी आवागमन में असुविधा नहीं होती लेकिन जल्दबाजी के काम का ही परिणाम हुआ कि दुःखद हादसे में एक गरीब मजदूर रमेश की मौत और एक दर्जन घायल हो गए। इसी प्रकार सीवरेज लाईन डालने वाली कम्पनी द्वारा आधे शहर को पिछले 8 महीने से खोदकर छोड़ा हुआ है जिसके गहरे गड्ढ़े में गिरने से पिछले दिनों 13 वर्षीय बालक मोहित नागर की दर्दनाक मौत हो गई इसलिए सरकार अब आने वाले समय में ऐसे जानलेवा निर्माण करवाने पर गंभीरता से विचार करे।
 
 
पूर्व संसदीय सचिव राजावत बुधवार देर रात हुई घटना की जानकारी मिलते ही मैत्री चिकित्सालय में अंतिम सांसें ले रहे श्रमिक रमेश व अन्य घायल श्रमिकों की कुशलक्षेम पूछने पहुंच गए जहां मृतक एवं घायलों के परिजनों के हाल बेहाल थे। राजावत ने कहा कि घटनास्थल पर ठेकेदार द्वारा किया जा रहा निर्माण कार्य इतना घटिया था कि चढ़ाया जा रहा स्लैब ही टूटकर गिर पड़ा और कई मजदूर इसके नीचे दब गए। निर्माण कार्य की समय समय पर मोनिटरिंग करने वाले अधिकारियों ने जांच क्यों नहीं की, गनीमत है कि इतनी भयावह घटना में एक श्रमिक की ही मौत हुई है, अधिक जनहानि हो जाती तो कोटा के माथे पर कलंक लग जाता। उन्होंने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और दोषी अभियंताओं को तत्काल निलम्बित करें, वहीं घटिया काम करने वाली कम्पनी को ब्लैक लिस्टेड करें ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति नहीं हो। जिस तरह सीवरेज लाईन के गड्ढे में डूबे मृतक बालक के दोषियों को तत्काल निलम्बित किया वैसे ही इस मामले में कठोर कार्रवाई करते हुए गरीब श्रमिक के परिजनों को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिलवाई जाये।
 
कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने मां की अधिकारियो की लापरवाही के कारण ये परिणाम सामने आये है। विधायक संदीप शर्मा ने आरोप लगाया की  निर्माणाधीन साईट पर मजूदरों के पास सुरक्षा उपकरण नही थे। वर्तमान समय में यूआईटी में जो अधिकारी तैनात है वो अनुभवहीन है। ऐसे अधिकारियों को यूआईटी में महत्वूपर्ण प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी हुई है जिन्होंने  पहले में कभी फ्लाईओवर जैसे बड़े निर्माण कार्यो का काम  नही देखा। कृषि उपज मण्डी सहित अन्य विभागो से अभियन्ताओ को यूआईटी में लगाया गया है जिनकी लापरवाही से ये दुखद हादसा घटित हुआ। कुछ वर्ष पहले हमने हैंगिंग ब्रिज पर हुवे हादसे में  48 लोगो को खोया है है उसके बाद भी प्रशासन ने कोई गंभीरता नही बरती  । उन्होंने कहा की प्रशाशन ने इस मामले में कमेटी गठित की लेकिन इस हादसे की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ।उन्होंने कहा की पिछले दिनों अधिकारियो की लापरवाही से गड्डे में गिरकर किशोर की मृत्यु के मामले में नगरीय विकास मंत्री ने आरयूआईडीपी के तीन अधिकारियो को निलंबित कर दिया था लेकिन अभी तक सरकार ने इस हादसे में दोषी अधिकारियो के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है उन्होंने राज्य सरकार से इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियो पर कार्यवाही करने की मांग की है।