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बंधा धर्मपुरा गौशाला में निगम के इंतजामों की पोल खुली, बीमार गायों को सर्दी से बचाने तक की व्यवस्था नहीं

Kotatimes

Updated 3 years ago

कोटा, 14 दिसंबर। भाजपा पार्षदों के औचक दौरे से सोमवार को बंधा धर्मपुरा गौशाला में निगम के इंतजामों की पोल खुल गई। गौशाला में न तो हरा चारा है और न ही दवाएं, यहां तक की बीमार गौवंश को सर्दी से बचाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गौवंश की देखरेख में लगाए कर्मचारी भी गायब मिले। भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बोर्ड तथा निगम के अधिकारियों ने गायों को मरने के लिए गौशाला में लाकर बंद कर दिया है।

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भाजपा पार्षद सुदर्शन गौतम, धीरेंद्र चैधरी, सुरेंद्र राठौर, आरती शाक्यवाल, विनय कुमार डेनी, प्रतिभा गौतम, सोनू धाकड़, रेखा गोस्वामी और दिलीप अरोड़ा सोमवार सुबह अचानक बंधा धर्मपुरा गौशाला पहुंचे। वहां गौवंश की हालत देखकर वे दंग रह गए। बहुत सी गायें फर्श पर पड़ी हुई थीं। छोटे बछड़ों को भी गायों के साथ एक हरी बाड़े में बंद किया गया था। गौवंश के लिए पड़े भूसे की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी।

 
 
 

वहां गायों की देखभाल में लगे चिकित्सको ने बताया कि पिछले छह माह से हरा चारा नहीं आया है। गायों के इलाज के लिए दवाएं भी काफी समय से उपलब्ध नहीं हैं, इस कारण वे सिर्फ प्राथमिक उपचार ही दे पा रहे हैं।

सर्दी में अब तेजी आने लगी हैं। यहां गौवंश की स्थिति ऐसी नहीं हैं कि वे तेज सर्दी को झेल पाएं। सर्दी से बचाव की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को काफी समय पूर्व ही अवगत करवा दिया गया था। लेकिन कुछ नहीं हुआ।
पार्षदों ने जब निगम कर्मचारियों के बारे में पूछताछ की तो कोई जिम्मेदार व्यक्ति वहां नहीं मिला। पार्षदों ने जब हाजिरी रजिस्टर की जांच कि तो उसमें 9 दिसम्बर से किसी कि उपस्थिति दर्ज नहीं मिली। वहां आए गांव के लोगों ने बताया कि गत एक वर्ष से गौशाला में यही हालात हैं। यहां न तो कर्मचारी आते हैं और न ही चारा और दवाएं हैं। इस कारण बड़ी संख्या में गौवंश की अकाल मृत्यु हो रही है।

 
 


दो महापौर, किसी के पास समय नहीं

दोनों निगमों में कांग्रेस का बोर्ड बने एक माह से ज्यादा हो चुका है। लेकिन दोनों ही महापौर अब तक गौशाला का निरीक्षण करने का समय नहीं निकल पाए हैं। उनकी बेपरवाही का खामियाजा गौवंश भुगत रहा है। पार्षदों ने चेतावनी दी कि जल्द ही यदि हालात नहीं सुधरे तो आंदोलन किया जाएगा।


पीने के पानी में पड़े रहते हैं कीड़े


गौशाला में साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पार्षदों ने जब मवेशियों की पानी की खेळ में मच्छर और कीड़े पड़े देखे तो दंग रह गए। मजबूरी में मवेशियों को यही पानी पीना पड़ रहा है। पार्षदों ने जब वहां मौजूद कर्मचारियों से इस बारे में पूछा कि क्या वे भी ऐसा ही पानी पीते हैं तो वे कोई जवाब नहीं दे पाए।