KOTATIMES December 20, 2020। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय सर्तकता आयोग ने तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विजय प्रकाश के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कार्यवाही के लिए दोनों आयोग ने पश्चिम-मध्य रेलवे महाप्रबंधक को पत्र लिखा है।
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रेलवे इतिहास में संभवत: यह पहला मामला है जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग किसी रेल अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मानवाधिकार आयोग ने महाप्रबंधक से 8 सप्ताह में कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की है। जब कि सर्तकता आयोग ने रेलवे बोर्ड नई दिल्ली को विजिलेंस डायरेक्टर को प्रकरण दर्ज कर विजय के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सर्तकता आयोग ने विजिलेंस डायरेक्टर से इस कार्यवाही की रिपोर्ट भी मांगी है। उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल में विजय के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए थे। एक प्रमुख मामला तो डीआरएम कार्यालय के सामने ही लंबे समय से अवैध रुप से चल रही कार पार्किंग स्टैंड का आया था। निरीक्षण के दौरान मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा ने यह मामला पकड़ा था। मौके पर ही पंकज ने तात्कालिन वाणिज्य सुपरवाइजर हरिराम के निलंबन के आदेश भी दिए थे।
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जेडआरयूसीसी ने की थी शिकायत
मामले की शिकायत पश्चिम-मध्य रेलवे जोनल रेलवे सलाहकार समिति (जेडआरयूसीसी) सदस्य अनिल जैन ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय सर्तकता आयोग से की थी। सूचना के अधिकार के तहत (आरटीआई) विजय के खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी मांगने पर मानवाधिकार आयोग और सर्तकता आयोग ने अनिल को विजय के खिलाफ की गई कार्यवाही से अवगत कराया है। जैन ने बताया कि अपने कार्यकाल के दौरान विजय ने कोटा मंडल में लगातार भ्रष्टाचार एवं मनमानी कर रेलवे राजस्व को हानि पहुंचाई थी। इस संबंध में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली एवं केंद्रीय सतर्कता आयोग नई दिल्ली को 10 बिंदुओं का शिकायती परिवाद प्रस्तुत कर कार्यवाही की मांग की थी। 18 नवम्बर को आरटीआई के माध्यम से दोनों आयोग को आरटीआई भेजकर कार्यवाही की जानकारी मांगी गई। इस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा 14 दिसम्बर को पत्र भेजकर बताया कि मानवाधिकार आयोग द्वारा केस नम्बर:- 1949/20/8/2020, दर्ज कर 2 दिसंबर 20 को महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल जबलपुर को निर्देशित पत्र भेजकर 8 सप्ताह में कार्यवाही की रिपोर्ट आयोग में तलब की है और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा 3 दिसम्बर को पत्र भेजकर बताया कि उनकी शिकायत पर प्रकरण संख्या:- 161010/2020/विजिलेंस-1 दर्ज कर रेलवे बोर्ड के विजिलेंस डायरेक्टर को निर्देशित पत्र भेजकर कार्यवाही के निर्देश देकर आयोग ने रिपोर्ट मांगी है। जैन ने बताया कि इस संबंध में जल्दी सम्बंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना है। जैन ने बताया कि कोटा के बाद विजय का स्थानांतरण भोपाल को गया था। लगातार शिकायतों के बाद भी भोपाल में भी विजय को वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक बनाया गया।
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